tag:blogger.com,1999:blog-4294876642043841838.post3292217816447955867..comments2017-02-05T20:48:49.041-08:00Comments on सरोकार: यह है हिन्दी की पहली प्रकाशित कहानीराजेश अग्रवालhttp://www.blogger.com/profile/03166713468895085704noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4294876642043841838.post-13473362320320995302011-08-07T23:16:33.295-07:002011-08-07T23:16:33.295-07:00कहानी तो सुनी हुई लग रही है लेकिन यह बात कि यह पहल...कहानी तो सुनी हुई लग रही है लेकिन यह बात कि यह पहली कहानी है, कुछ अजीब लग रहा है क्योंकि रानी केतकी की कहानी या उसने कहा था पहले से चर्चित हैं।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4294876642043841838.post-22311283513457165072008-06-19T08:35:00.000-07:002008-06-19T08:35:00.000-07:00आपका ब्लॉग एक बहुत उपयोगी और प्रभावी स्थल है.=====...आपका ब्लॉग एक <BR/>बहुत उपयोगी <BR/>और प्रभावी स्थल है.<BR/>=================<BR/>मेरी शुभकामनाएँ<BR/>डा.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4294876642043841838.post-10515394219292276942008-06-17T19:53:00.000-07:002008-06-17T19:53:00.000-07:00यह कहानी कई जगह पहले से ही अंतरजाल पर मौजूद है । व...यह कहानी कई जगह पहले से ही अंतरजाल पर मौजूद है । वेबसाइट्स में भी और ब्लॉग्स में भी । वैसे किसी चीज़ कों कितनी बार प्रकाशित किया जाय यह भी अब ब्लॉगरों को विचार करना चाहिए । <BR/><BR/>यह दीगर बात है कि अच्छी बातें हम बार बार लिख सकते हैं पढ़ सकते हैं । <BR/><BR/>अच्छा होता कि प्रातः स्मरणीय सप्रे जी पर किसी अन्य और खास प्रसंग पर चर्चा की जाती । या उनका कोई अन्य लेख या निबंध ही प्रकाशित किया जाता तो हिंदी की सामग्री में भी अभिवृद्धि होती । <BR/><BR/>मैं तो रवि भाई के बहाने सोचने को विवश हूँ कि क्या हम चिट्ठाकार स्मृतिभ्रंश के शिकार तो नही हो रहे हैं ?जयप्रकाश मानसhttps://www.blogger.com/profile/16792869521782040232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4294876642043841838.post-83013537994075947422008-06-17T19:48:00.000-07:002008-06-17T19:48:00.000-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.जयप्रकाश मानसhttps://www.blogger.com/profile/16792869521782040232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4294876642043841838.post-74121908954291457502008-06-17T11:15:00.000-07:002008-06-17T11:15:00.000-07:00इस रचना को ब्लाग पर लाने के लिए बधाई।इस रचना को ब्लाग पर लाने के लिए बधाई।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4294876642043841838.post-88035193073359206582008-06-17T06:40:00.000-07:002008-06-17T06:40:00.000-07:00बहुत आभार इसे प्रस्तुत करने का. आपकी यह पोस्ट सहेज...बहुत आभार इसे प्रस्तुत करने का. आपकी यह पोस्ट सहेजने योग्य है इतिहास के दृष्टिकोण से. साधुवाद.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4294876642043841838.post-77006564481603140192008-06-17T01:11:00.000-07:002008-06-17T01:11:00.000-07:00इस ऐतिहासिक दस्तावेज़ को प्रस्तुत करने के लिए धन्य...इस ऐतिहासिक दस्तावेज़ को प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद.रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.com